UPPSC: Syllabus PDF in Hindi Download

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UPPSC Syllabus PDF in Hindi Download

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इन पाठ्यक्रम का गहनता से अध्ययन करके उम्मीदवार अपनी तैयारी बढ़ा सकते हैं और प्रतियोगी परीक्षा में सफलता की संभावना बढ़ा सकते हैं। Good Luck !

UPPSC Syllabus

परीक्षा की योजना

सम्मिलित राज्य / प्रवर अधीनस्थ सेवा परीक्षा हेतु प्रतियोगिता परीक्षा में क्रमवार तीन स्तर सम्मिलित हैं। यथाः

  • प्रारम्भिक परीक्षा (वस्तुनिष्ठ व बहुविकल्पी प्रकार की)
  • मुख्य परीक्षा (परम्परागत प्रकार की अर्थात् लिखित परीक्षा)
  • मौखिक परीक्षा (व्यक्तित्व परीक्षा)

प्रारम्भिक परीक्षा:

  • सम्मिलित राज्य / प्रवर अधीनस्थ सेवा परीक्षा हेतु प्रारम्भिक परीक्षा दो अनिवार्य प्रश्नपत्रों की होगी। जिनके उत्तर पत्रक ओ. एम. आर. सीट के रूप में होंगे
  • प्रत्येक प्रश्न-पत्र 200 अंकों के तथा दो-दो घण्टे अवधि के होंगे।
  • दोनों प्रश्न पत्र वस्तुनिष्ठ व बहुविकल्पीय प्रकार के होंगे जिनमें क्रमशः 150 व 100 प्रश्न होंगे।
  • प्रथम प्रश्न पत्र पूर्वाहन 9:30 बजे से 11:30 बजे तक तथा द्वितीय प्रश्नपत्र अपरान्ह 2:30 बजे से सायं 4:30 बजे तक।

नोटः

(1) प्रारम्भिक परीक्षा का द्वितीय प्रश्नपत्र अर्हकारी होगा जिसमें न्यूनतम 33% अंक प्राप्त किया जाना अनिवार्य होगा।

(2) मूल्यांकन के उद्देश्य से अभ्यर्थियों को प्रारम्भिक परीक्षा के दोनों प्रश्नपत्रों में सम्मिलित होना बाध्यकारी है। अतएव यदि कोई अभ्यर्थी दोनों प्रश्नपत्रों में सम्मिलित नहीं होता है तो वह अनर्ह (disqualify) हो जायेगा।

(3) अभ्यर्थियों के योग्यताक्रम (Merit) का निर्धारण उनके प्रारम्भिक परीक्षा के प्रथम प्रश्नपत्र में प्राप्त अंको के आधार पर किया जायेगा ।

मुख्य (लिखित) परीक्षा:

मुख्य परीक्षा में निम्नलिखित अनिवार्य प्रश्न पत्र होंगे जिनका पाठ्यक्रम आगे उल्लिखित हैं।

अनिवार्य विषयप्रश्न पत्रअंक
1. सामान्य हिन्दीपरम्परागत150
2. निबंधपरम्परागत150
3. सामान्य अध्ययन 1परम्परागत200
4. सामान्य अध्ययन IIपरम्परागत200
5. सामान्य अध्ययन IIIपरम्परागत200
6. सामान्य अध्ययन IVपरम्परागत200
7. सामान्य अध्ययन Vपरम्परागत200
8. सामान्य अध्ययन VIपरम्परागत200

सभी प्रश्न पत्र परम्परागत (Conventional) प्रकार के होंगे। इन प्रश्न-पत्रों के हल करने की अवधि 3 घन्टे होगी । सामान्य अध्ययन का प्रत्येक प्रश्न पत्र 200 अंक का होगा ।

नोटः

(1) 3 घण्टे वाले प्रश्नपत्र का परीक्षा समय पूर्वान्ह 9.30 बजे से 12.30 बजे तक तथा अपरान्ह 2 बजे से सायं 5 बजे तक होगा ।

(2) अभ्यर्थी से सामान्य हिन्दी के प्रश्न-पत्र में न्यूनतम अंक प्राप्त करने की अपेक्षा की जायेगी जो यथा स्थिति, शासन या आयोग द्वारा अवधारित किये जायेंगे ।

व्यक्तित्व परीक्षा / साक्षात्कार (कुल अंक 100):

• यह परीक्षा अभ्यर्थियों की सामान्य जागरूकता, बुद्धि, चरित्र, अभिव्यक्ति की क्षमता, व्यक्तित्व एवं सेवा के लिए सामान्य उपयुक्तता को दृष्टि में रखते हुये सामान्य अभिरूचि के विषयों से सम्बन्धित होगी।

प्रारम्भिक परीक्षा पाठ्यक्रम

सम्मिलित राज्य / प्रवर अधीनस्थ सेवा परीक्षा से सम्बन्धित प्रारम्भिक परीक्षा हेतु पाठ्यक्रम

प्रश्नपत्र - 1

(सामान्य अध्ययन – I)

अवधि – दो घंटे – अंक – 200

  • राष्ट्रीय एवं अंतर्राष्ट्रीय महत्त्व की सामयिक घटनाएँः राष्ट्रीय व अंतर्राष्ट्रीय महत्त्व की समसामयिक घटनाओं की जानकारी अभ्यर्थियों को रखनी होगी।
  • भारत का इतिहास एवं भारतीय राष्ट्रीय आंदोलनः इतिहास के अंतर्गत भारतीय इतिहास के सामाजिक, आर्थिक एवं राजनीतिक पक्षों की व्यापक जानकारी पर विशेष ध्यान देना होगा। भारतीय राष्ट्रीय आंदोलन पर अभ्यर्थियों से स्वतंत्रता आंदोलन की प्रकृति तथा विशेषता, राष्ट्रवाद का अभ्युदय तथा स्वतंत्रता प्राप्ति के बारे में सामान्य जानकारी अपेक्षित है।
  • भारत एवं विश्व का भूगोलः भारत एवं विश्व का भौतिक, सामाजिक, आर्थिक भूगोल विश्व भूगोल में विषय की केवल सामान्य जानकारी की परख होगी। भारत का भूगोल के अंतर्गत देश के भौतिक, सामाजिक एवं आर्थिक भूगोल से संबंधित प्रश्न होंगे।
  • भारतीय राजनीति एवं शासन-संविधान, राजनीतिक व्यवस्था, पंचायती राज, लोकनीति, आधिकारिक मुद्दे आदिः भारतीय राज्य व्यवस्था, अर्थव्यवस्था एवं संस्कृति के अंतर्गत देश के पंचायती राज तथा सामुदायिक विकास सहित राजनीतिक प्रणाली के ज्ञान तथा भारत की आर्थिक नीति के व्यापक लक्षणों एवं भारतीय संस्कृति की जानकारी पर प्रश्न होंगे।
  • आर्थिक एवं सामाजिक विकास- सतत् विकास, गरीबी अंतर्विष्ट जनसांख्यिकीय, सामाजिक क्षेत्र के इनिशिएटिव आदिः अभ्यर्थियों की जानकारी का परीक्षण जनसंख्या, पर्यावरण तथा नगरीकरण की समस्याओं तथा उनके संबंधों के परिप्रेक्ष्य में किया जाएगा।
  • पर्यावरण एवं पारिस्थितिकी संबंधी सामान्य विषय, जैव विविधता एवं जलवायु परिवर्तनः इस विषय में विषय विशेषज्ञता की आवश्यकता नहीं है। अभ्यर्थियों से विषय की सामान्य जानकारी अपेक्षित है।
  • सामान्य विज्ञानः सामान्य विज्ञान के प्रश्न दैनिक अनुभव तथा प्रेक्षण से संबंधित विषयों सहित विज्ञान के सामान्य परिबोध एवं जानकारी पर आधारित होंगे, जिसकी किसी भी सुशिक्षित व्यक्ति से अपेक्षा की जा सकती है, जिसने वैज्ञानिक विषयों का विशेष अध्ययन नहीं किया है।

नोटः अभ्यर्थियों से यह अपेक्षित होगा कि उत्तर प्रदेश के विशेष परिप्रेक्ष्य में उपर्युक्त विषयों का उन्हें सामान्य परिचय हो।

प्रश्नपत्र - 2

(सामान्य अध्ययन – II)

अवधि – दो घंटे – अंक – 200

  • काम्प्रिहेन्सन (विस्तारीकरण) ।
  • अंतर्वैयक्तिक क्षमता जिसमें संप्रेषण कौशल भी समाहित होगा।
  • तार्किक एवं विश्लेषणात्मक योग्यता ।
  • निर्णय क्षमता एवं समस्या समाधान ।
  • सामान्य बौद्धिक योग्यता ।
  • प्रारंभिक गणित हाईस्कूल स्तर तक अंकगणित, बीजगणित, रेखागणित व सांख्यिकी ।
  • सामान्य अंग्रेज़ी हाईस्कूल स्तर तक ।
  • सामान्य हिन्दी हाईस्कूल स्तर तक ।

प्रारंभिक गणित (हाईस्कूल स्तर तक) के पाठ्यक्रम में सम्मिलित किये जाने वाले विषयः

1. अंकगणितः

  • संख्या पद्धतिः प्राकृतिक, पूर्णांक, परिमेय-अपरिमेय एवं वास्तविक संख्याएँ, पूर्णांक संख्याओं के विभाजक एवं अविभाज्य पूर्णांक संख्याएँ। पूर्णांक संख्याओं का लघुत्तम समापवर्त्य एवं महत्तम समापवर्तक तथा उनमें संबंध ।
  • औसत ।
  • अनुपात एवं समानुपात ।
  • प्रतिशत ।
  • लाभ-हानि ।
  • ब्याज-साधारण एवं चक्रवृद्धि ।
  • काम तथा समय ।
  • चाल, समय तथा दूरी।

2. बीजगणितः

  • बहुपद के गुणनखंड, बहुपदों का लघुत्तम समापवर्त्य एवं महत्तम समापवर्तक एवं उनमें संबंध, शेषफल प्रमेय, सरल युगपत समीकरण, द्विघात समीकरण ।
  • समुच्चय सिद्धांतः समुच्चय, उप समुच्चय, उचित उपसमुच्चय, रिक्त समुच्चय, समुच्चयों के बीच संक्रियाएँ (संघ, प्रतिछेद, अंतर, समिमित अंतर), वेन-आरेख ।

3. रेखागणितः

  • त्रिभुज, आयत, वर्ग, समलंब चतुर्भुज एवं वृत्त की रचना एवं उनके गुण संबंधी प्रमेय तथा परिमाप एवं उनके क्षेत्रफल।
  • गोला, समकोणीय वृत्ताकार बेलन, समकोणीय वृत्ताकार शंकु तथा घन के आयतन एवं पृष्ठ क्षेत्रफल ।

4. सांख्यिकी:

आँकड़ों का संग्रह, आँकड़ों का वर्गीकरण, बारंबारता, बांरबारता बंटन, सारणीयन, संचयी बारंबारता, आँकड़ों का निरूपण, दंडचार्ट, पाई चार्ट, आयत चित्र, बारंबारता बहुभुज, संचयी बारंबारता वक्र, केंद्रीय प्रवृत्ति की माप-समांतर माध्य, माध्यिका एवं बहुलक ।

General English Upto Class X Level:

  • Comprehension
  • Active Voice and Passive Voice
  • Parts of Speech
  • Transformation of Sentences
  • Direct and Indirect Speech
  • Punctuation and Spellings
  • Words & Meanings
  • Vocabulary & Usage
  • Idioms and Phrases
  • Fill in the Blanks

सामान्य हिन्दी (हाईस्कूल स्तर तक) के पाठ्यक्रम में सम्मिलित किये जाने वाले विषयः

  • हिन्दी वर्णमाला, विरामचिह्न
  • शब्द रचना, वाक्य रचना, अर्थ
  • शब्द-रूप
  • संधि, समास
  • क्रियाएँ
  • अनेकार्थी शब्द
  • विलोम शब्द
  • पर्यायवाची शब्द
  • मुहावरे एवं लोकोक्तियाँ
  • तत्सम एवं तद्भव, देशज, विदेशी (शब्द भंडार)
  • वर्तनी
  • अर्थबोध
  • हिन्दी भाषा के प्रयोग में होने वाली अशुद्धियाँ
  • उत्तर प्रदेश की मुख्य बोलियाँ

मुख्य परीक्षा पाठ्यक्रम

सम्मिलित राज्य / प्रवर अधीनस्थ सेवा परीक्षा की मुख्य (लिखित) परीक्षा हेतु निर्देश तथा पाठ्यक्रम

  1. आयोग प्रवेश पत्र के बिना किसी भी अभ्यर्थी को मुख्य (लिखित) परीक्षा में सम्मिलित होने की अनुमति नहीं देंगे। किसी भी अभ्यर्थी के परीक्षा में प्रवेश हेतु अर्हता / पात्रता के सम्बन्ध में आयोग का निर्णय अंतिम होगा।
  2. अभ्यर्थियों को सचेत किया जाता है कि उत्तर पुस्तिका में केवल निर्धारित स्थान पर ही अपना अनुक्रमांक लिखें अन्यथा दण्डस्वरूप उनके अंकों में कटौती की जायेगी। अभ्यर्थी उत्तर पुस्तिका में कहीं भी अपना नाम न लिखें अन्यथा उन्हें परीक्षा के लिये अनर्ह घोषित किया जा सकता है।
  3. यदि अभ्यर्थी की हस्तलिपि अस्पष्ट / अपठनीय है तो उसके प्राप्तांकों के कुल योग में से कटौती की जा सकती है।
  4. अभ्यर्थी प्रश्न-पत्रों न के उत्तर अंग्रेजी रोमन लिपि में अथवा हिन्दी देवनागरी लिपि में अथवा उर्दू फारसी लिपि में लिख सकते है परन्तु उन्हें भाषा के प्रश्न-पत्र का उत्तर जब तक की प्रश्न में अन्यथा निर्दिष्ट न हो अनिवार्य रूप से उसी भाषा में लिखना होगा।
  5. प्रश्न-पत्र केवल अंग्रेजी लिपि में व हिन्दी देवनागरी लिपि में होंगे।
  6. सामान्य अध्ययन विषय के प्रश्न-पत्रों का पाठ्यक्रम अन्यथा उल्लिखित विवरण के अतिरिक्त, किसी विश्वविद्यालय से स्नातक डिग्रीधारी अभ्यर्थी से अपेक्षित स्तर का होगा।

सामान्य हिन्दी

1. दिये हुए गद्य खंड का अवबोध एवं प्रश्नोत्तर ।

2. संक्षेपण।

3. सरकारी एवं अर्धसरकारी पत्र लेखन, तार लेखन, कार्यालय आदेश, अधिसूचना, परिपत्र ।

4. शब्द ज्ञान एवं प्रयोग

(अ) उपसर्ग एवं प्रत्यय

(ब) विलोम शब्द

(स) वाक्यांश के लिये एक शब्द

(द) वर्तनी एवं वाक्य शुद्धि

5. लोकोक्तियाँ एवं मुहावरे ।

निबंध

  • निबंध हिंदी, अंग्रेज़ी अथवा उर्दू में लिखे जा सकते हैं।
  • निबंध के प्रश्नपत्र में 3 खंड होंगे। प्रत्येक खंड से एक-एक विषय पर 700 (सात सौ) शब्दों मे निबंध लिखना होगा। प्रत्येक खंड 50-50 अंकों का होगा। तीनों खंडों में निम्नलिखित विषयों पर आधारित निबंध के प्रश्न होंगे।
खंड (क)खंड (ख)खंड (ग)
साहित्य और संस्कृतिविज्ञान, पर्यावरण और प्रौद्योगिकीराष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय घटनाक्रम
समजिक क्षेत्रआर्थिक क्षेत्रप्राकृतिक आपदाएँ : भू – स्खलन, भूकंप बाढ़, सूखा आदि
राजनीतिक क्षेत्रकृषि, उद्योग एवं व्यापारराष्ट्रीय विकास योजनाएँ एवं परियोजनाएँ

सामान्य अध्ययन प्रश्न पत्र 01 से 06 तक के मुख्य परीक्षा का पाठ्यक्रमः

सामान्य अध्ययन – I

  1. भारतीय संस्कृति के इतिहास में प्राचीन काल से आधुनिक काल तक के कला- रूप, साहित्य एवं वास्तुकला के महत्त्वपूर्ण पहलू शामिल होंगे।
  2. आधुनिक भारतीय इतिहास (1757 ई. से 195% ई. तक)- महत्त्वपूर्ण घटनाएँ, व्यक्तित्व एवं समस्याएँ इत्यादि ।
  3. स्वतंत्रता संग्राम- इसके विभिन्न चरण और देश के विभिन्न भागों से इसमें अपना योगदान देने वाले महत्त्वपूर्ण व्यक्ति / उनका योगदान ।
  4. स्वतंत्रता के पश्चात् देश के अंदर एकीकरण और पुनर्गठन (1965 ई. तक) ।
  5. विश्व के इतिहास में 18वीं सदी से बीसवीं सदी के मध्य तक की घटनाएँ जैसे फ्रांसीसी क्रांति 1789, औद्योगिक क्रांति, विश्व युद्ध, राष्ट्रीय सीमाओं का पुनः सीमांकन, उपनिवेशवाद, उपनिवेशवाद की समाप्ति, राजनीतिक दर्शन शास्त्र जैसे साम्यवाद, पूंजीवाद, समाजवाद, नाजीवाद, फासीवाद इत्यादि के रूप और समाज पर उनके प्रभाव इत्यादि शामिल होंगे।
  6. भारतीय समाज और संस्कृति की मुख्य विशेषताएँ।
  7. महिला-समाज और महिला संगठनों की भूमिका, जनसंख्या तथा संबद्ध समस्याएँ, गरीबी और विकासात्मक विषय, शहरीकरण, उनकी समस्याएँ और समाधान ।
  8. उदारीकरण, निजीकरण और वैश्वीकरण का अभिप्राय और उनका भारतीय समाज के अर्थव्यवस्था, राज्यव्यवस्था और समाज संरचना पर प्रभाव।
  9. सामाजिक सशक्तीकरण, सांप्रदायिकता, क्षेत्रवाद और धर्मनिरपेक्षता ।
  10. विश्व के प्रमुख प्राकृतिक संसाधनों का वितरण- जल, मिट्टियाँ एवं वन, दक्षिण एवं दक्षिण पूर्व-एशिया में (भारत के विशेष संदर्भ में) ।
  11. भौतिक भूगोल की प्रमुख विशिष्टताएँ – भूकंप, सुनामी, ज्वालामुखी क्रियाएँ, चक्रवात, समुद्री जल धाराएँ, पवन एवं हिम सरिताएँ।
  12. भारत के सामुद्रिक संसाधन एवं उनकी संभाव्यता ।
  13. मानव प्रवास- विश्व की शरणार्थी समस्या भारत उपमहाद्वीप के संदर्भ में।
  14. सीमांत तथा सीमाएँ- भारत उपमहाद्वीप के संदर्भ में।
  15. जनसंख्या एवं अधिवास- प्रकार एवं प्रतिरूप, नगरीकरण, स्मार्ट नगर एवं स्मार्ट ग्राम।

सामान्य अध्ययन – II

  1. भारतीय संविधान- ऐतिहासिक आधार, विकास, विशेषताएँ, संशोधन, महत्त्वपूर्ण प्रावधान तथा आधारभूत संरचना। संविधान के आधारभूत प्रावधानों के विकास में उच्चतम न्यायालय की भूमिका ।
  2. संघ एवं राज्यों के कार्य तथा उत्तरदायित्व, संघीय ढाँचे से संबंधित विषय एवं चुनौतियाँ, स्थानीय स्तर पर शक्तियों और वित्त का हस्तांतरण और उसकी चुनौतियाँ।
  3. केंद्र-राज्य वित्तीय सम्बंधों में वित्त आयोग की भूमिका।
  4. शक्तियों का पृथक्करण, विवाद निवारण तंत्र तथा संस्थाएँ। वैकल्पिक विवाद निवारण तंत्रों का उदय एवं उनका प्रयोग।
  5. भारतीय संवैधानिक योजना की अन्य प्रमुख लोकतांत्रिक देशों के साथ तुलना ।
  6. संसद और राज्य की विधायिका- संरचना, कार्य, कार्य-संचालन, शक्तियाँ एवं विशेषाधिकार तथा संबंधित विषय ।
  7. कार्यपालिका और न्यायपालिका की संरचना, संगठन और कार्य- सरकार के मंत्रालय एवं विभाग, प्रभावक समूह और औपचारिक/अनौपचारिक संघ तथा शासन प्रणाली में उनकी भूमिका। जनहित वाद (पी.आई.एल.)।
  8. जन प्रतिनिधित्व अधिनियम की मुख्य विशेषताएँ।
  9. विभिन्न संवैधानिक पदों पर नियुक्ति, शक्तियाँ, कार्य तथा उनके उत्तरदायित्व ।
  10. सांविधिक, विनियामक और विभिन्न अर्ध-न्यायिक निकाय, नीति आयोग समेत उनकी विशेषताएँ एवं कार्यभाग ।
  11. सरकारी नीतियों और विभिन्न क्षेत्रों में विकास के लिये हस्तक्षेप, उनके अभिकल्पन तथा कार्यान्वयन के मुद्दे एवं सूचना संचार प्रौद्योगिकी (आई.सी.टी.) ।
  12. विकास प्रक्रियाएँ- गैर सरकारी संगठनों की भूमिका, स्वयं सहायता समूह, विभिन्न समूह एवं संघ, अभिदाता सहायतार्थ संस्थाएँ, संस्थागत एवं अन्य अंशधारक ।
  13. केंद्र एवं राज्यों द्वारा जनसंख्या के अति संवेदनशील वर्गों के लिये कल्याणकारी योजनाएँ और इन योजनाओं का कार्य- निष्पादन, इन अति संवेदनशील वर्गों की रक्षा एवं बेहतरी के लिये गठित तंत्र, विधि, संस्थान एवं निकाय ।
  14. स्वास्थ्य, शिक्षा, मानव संसाधनों से संबंधित सामाजिक क्षेत्र/सेवाओं के विकास एवं प्रबंधन से संबंधित विषय।
  15. गरीबी और भूख से संबंधित विषय एवं राजनीतिक व्यवस्था के लिये इनका निहितार्थ।
  16. शासन व्यवस्था, पारदर्शिता और जवाबदेही के महत्त्वपूर्ण पक्ष, ई-गवर्नेस-अनुप्रयोग, मॉडल, सफलताएँ, सीमाएँ और संभावनाएँ, नागरिक चार्टर, पारदर्शिता एवं जवाबदेही और संस्थागत व अन्य उपाय।
  17. लोकतंत्र में उभरती हुई प्रवृत्तियों के संदर्भ में सिविल सेवाओं की भूमिका ।
  18. भारत एवं अपने पड़ोसी देशों से उसके संबंध।
  19. द्विपक्षीय, क्षेत्रीय और वैश्विक समूह और भारत से संबंधित और / अथवा भारत के हितों को प्रभावित करने वाले करार।
  20. भारत के हितों एवं अप्रवासी भारतीयों पर विकसित तथा विकासशील देशों की नीतियों तथा राजनीति का प्रभाव।
  21. महत्त्वपूर्ण अंतर्राष्ट्रीय संस्थान, संस्थाएँ और मंच- उनकी संरचना, अधिदेश तथा उनका कार्यभाग।
  22. क्षेत्रीय, राष्ट्रीय एवं अंतर्राष्ट्रीय महत्त्व के समसामयिक घटनाक्रम ।

सामान्य अध्ययन III

  1. भारत में आर्थिक नियोजन, उद्देश्य एवं उपलब्धियाँ, नीति (एन.आई.टी.आई.) आयोग की भूमिका, सतत् विकास के लक्ष्य (एस.डी.जी.)।
  2. गरीबी के मुद्दे, बेरोजगारी, सामाजिक न्याय एवं समावेशी विकास।
  3. सरकार के बजट के अवयव तथा वित्तीय प्रणाली ।
  4. प्रमुख फसलें, विभिन्न प्रकार की सिंचाई विधि एवं सिंचाई प्रणाली, कृषि उत्पादन का भंडारण, ढुलाई एवं विपणन, किसानों की सहायता हेतु ई-तकनीकी।
  5. अप्रत्यक्ष एवं प्रत्यक्ष कृषि अनुदान तथा न्यूनतम समर्थन मूल्य से जुड़े मुद्दे, सार्वजनिक वितरण प्रणाली-उद्देश्य, क्रियान्वयन, परिसीमाएँ, सुदृढ़ीकरण खाद्य सुरक्षा एवं बफर भंडार, कृषि संबंधित तकनीकी अभियान।
  6. भारत में खाद्य प्रसंस्करण व संबंधित उद्योग- कार्यक्षेत्र एवं महत्त्व, स्थान निर्धारण, उर्ध्व व अधोप्रवाह आवश्यकताएँ, आपूर्ति श्रृंखला प्रबंधन ।
  7. भारत में स्वतंत्रता के पश्चात् भूमि सुधार ।
  8. भारत में वैश्वीकरण तथा उदारीकरण के प्रभाव, औद्योगिक नीति में परिवर्तन तथा इनके औद्योगिक विकास पर प्रभाव।
  9. आधारभूत संरचनाः ऊर्जा, बंदरगाह, सड़क, विमानपत्तन तथा रेलवे आदि ।
  10. विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी-विकास एवं राष्ट्रीय सुरक्षा में, भारत की विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी नीति का दैनिक जीवन में अनुप्रयोग।
  11. विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी में भारतीयों की उपलब्धियाँ, प्रौद्योगिकी का स्वदेशीकरण। नवीन प्रौद्योगिकियों का विकास, प्रौद्योगिकी का हस्तांतरण, द्विअनुप्रयोगी एवं तकनीकि उपयोगी प्रौद्योगिकियाँ।
  12. सूचना एवं संचार प्रौद्योगिकी, अंतरिक्ष प्रौद्योगिकी, कंप्यूटर, ऊर्जा स्रोतों, नैनो प्रौद्योगिकी सूक्ष्म जीव विज्ञान, जैव प्रौद्यागिकी क्षेत्र में जागरूकता। बौद्धिक संपदा अधिकारों एवं डिजिटल अधिकारों से संबंधित मुद्दे।
  13. पर्यावरणीय सुरक्षा एवं पारिस्थितिकी तंत्र, वन्य जीवन संरक्षण, जैव विविधता, पर्यावरणीय प्रदूषण एवं क्षरण, पर्यावरणीय संघात आंकलन ।
  14. आपदाः गैर-पारंपरिक सुरक्षा एवं संरक्षा की चुनौती के रूप में, आपदा उपशमन एवं प्रबंधन ।
  15. अंतर्राष्ट्रीय सुरक्षा की चुनौतियाँ- आणविक प्रसार के मुद्दे, अतिवाद के कारण तथा प्रसार, संचार तंत्र, मीडिया की भूमिका तथा सामाजिक नेटवर्किंग, साइबर सुरक्षा के आधार, मनी लाउंडरिंग तथा मानव तस्करी ।
  16. भारत की आंतरिक सुरक्षा की चुनौतियाँ- आतंकवाद, भ्रष्टाचार, बगावत तथा संगठित अपराध ।
  17. सुरक्षा बलों की भूमिका, प्रकार तथा शासनाधिकार, भारत का उच्च रक्षा संगठन ।
  18. कृषि, बागवानी, वानिकी एवं पशुपालन के मुद्दे।

सामान्य अध्ययन IV

  1. नीतिशास्त्र तथा मानवीय अंतःसंबंधः मानवीय क्रियाकलापों में नीतिशास्त्र का सारतत्त्व, इसके निर्धारक और परिणामः नीतिशास्त्र के आयाम, निजी और सार्वजनिक संबंधों में नीतिशास्त्र ।
  2. अभिवृत्तिः अंतर्वस्तु (कंटेंट), संरचना, कार्य, विचार तथा आचरण के परिप्रेक्ष्य में इसका प्रभाव एवं संबंध, नैतिक और राजनीतिक अभिरुचि, सामाजिक प्रभाव और सहमति पैदा करना।
  3. सिविल सेवा के लिये अभिरुचि तथा बुनियादी मूल्य, सत्यनिष्ठा, निष्पक्षता तथा गैर-तरफदारी, वस्तुनिष्ठता, सार्वजनिक सेवा के प्रति समर्पण भाव, कमजोर वर्गों के प्रति सहानुभूति, सहिष्णुता तथा करुणा।
  4. संवेगात्मक बुद्धिः अवधारणाएँ तथा आयाम, प्रशासन और शासन व्यवस्था में उनकी उपयोगिता और प्रयोग।
  5. भारत तथा विश्व के नैतिक विचारकों तथा दार्शनिकों का योगदान ।
  6. लोक प्रशासनों में लोक / सिविल सेवा मूल्य तथा नीतिशास्त्रः स्थिति तथा समस्याएँ, सरकारी तथा निजी संस्थानों में नैतिक सरोकार तथा दुविधाएँ, नैतिक मार्गदर्शन के स्रोतों के रूप में विधि, नियम, नियमन तथा अंतर्रात्मा, जवाबदेही तथा नैतिक शासन व्यवस्था में नैतिक मूल्यों का सुदृढ़ीकरण, अंतर्राष्ट्रीय संबंधों तथा निधि व्यवस्था (फंडिंग) में नैतिक मुद्दे, कॉर्पोरेट शासन व्यवस्था ।
  7. शासन व्यवस्था में ईमानदारी: लोक सेवा की अवधारणा, शासन व्यवस्था और ईमानदारी का दार्शनिक आधार, सरकार में सूचना का आदान-प्रदान और पारदर्शिता, सूचना का अधिकार, नीतिपरक आचार संहिता, आचरण संहिता, नागरिक घोषणा पत्र, कार्य संस्कृति, सेवा प्रदान करने की गुणवत्ता, लोक-निधि का उपयोग, भ्रष्टाचार की चुनौतियाँ।
  8. उपर्युक्त विषयों पर मामला संबंधी अध्ययन (केस स्टडी)।

सामान्य अध्ययन – V

  1. उत्तर प्रदेश का इतिहास, सभ्यता, संस्कृति एवं प्राचीन नगर।
  2. उत्तर प्रदेश की वास्तुकला, उसकी महत्ता एवं रख-रखाव, संग्रहालय, अभिलेखागार एवं पुरातत्व ।
  3. भारत के स्वतंत्रता संग्राम में 1857 से पहले एवं बाद में उत्तर प्रदेश का योगदान ।
  4. उत्तर प्रदेश के सुविख्यात स्वतंत्रता सेनानी एवं व्यक्तित्व ।
  5. उत्तर प्रदेश में ग्रामीण, शहरी एवं जनजातीय मुद्देः सामाजिक संरचना, त्योहार, मेले, संगीत, लोकनृत्य, भाषा एवं साहित्य / बोली, सामाजिक प्रथाएँ एवं पर्यटन ।
  6. उत्तर प्रदेश की राजव्यवस्था- शासन प्रणाली, राज्यपाल, मुख्यमंत्री, मंत्रिपरिषद, विधान सभा एवं विधान परिषद, केंद्र- राज्य संबंध ।
  7. उत्तर प्रदेश में लोक सेवाएँ, लोक सेवा आयोग, लेखा परीक्षा, महान्यायवादी, उच्च्च न्यायालय एवं उसका अधिकार क्षेत्र।
  8. उत्तर प्रदेश विशेष राज्य चयन मानदंड, राजभाषा, संचित निधि एवं आकस्मिक निधि, राजनीतिक दल एवं राज्य निर्वाचन आयोग ।
  9. उत्तर प्रदेश में स्थानीय स्वशासनः शहरी एवं पंचायती राज, लोकनीति, अधिकार संबंधी मुद्दे।
  10. उत्तर प्रदेश सुशासन, भ्रष्टाचार निवारण, लोकायुक्त, सिटीजन चार्टर, ई-गवर्नेस सूचना का अधिकार, समाधान योजना।
  11. उत्तर प्रदेश में भूमि सुधार एवं इसका प्रभाव।
  12. उत्तर प्रदेश में सुरक्षा से जुड़े मुद्दे-
    • उग्रवाद के प्रसार एवं विकास के बीच संबंध ।
    • बाह्य, राज्य एवं अंतर राज्यीय सक्रियकों से आंतरिक सुरक्षा के लिये चुनौतियों पैदा करने में संचार नेटवर्कों, मीडिया एवं सोशल नेटवर्किंग साइट्स की भूमिका।
    • साइबर सुरक्षा के बुनियादी नियम, कालेधन को वैध बनाना एवं इसकी रोकथाम ।
    • विभिन्न सुरक्षा बल एवं एजेंसियाँ और उनके शासनादेश / अधिकार-पत्र ।
    • सीमावर्ती क्षेत्रों में सुरक्षा चुनौतियाँ एवं उनका प्रबंधन, संगठित अपराधों का आंतकवाद से संबंध ।
  13. उत्तर प्रदेश में कानून व्यवस्था एवं नागरिक अधिकार सुरक्षा।
  14. उत्तर प्रदेश में स्वास्थ्य एवं चिकित्सीय मुद्दे।
  15. उत्तर प्रदेश में शिक्षा प्रणाली ।
  16. भारत के विकास में उत्तर प्रदेश की भूमिका।
  17. उत्तर प्रदेश की समसामयिक घटनाएँ।
  18. जल शक्ति मिशन एवं अन्य केंद्रीय योजनायें एवं उनका क्रियान्वयन ।
  19. उत्तर प्रदेश में गैर सरकारी संगठन (एन.जी.ओ.): मुद्दे, योगदान एवं प्रभाव।
  20. उत्तर प्रदेश में पर्यटनः मुद्दे एवं संभावनायें।
  21. उत्तर प्रदेश में विभिन्न क्षेत्रों में नवाचारः इसके मुद्दे एवं इसका समाज में रोज़गार एवं सामाजिक-आर्थिक विकास पर प्रभाव।

सामान्य अध्ययन – VI

1. उत्तर प्रदेश का आर्थिक परिदृश्यः अर्थव्यवस्था एवं राज्य बजट की मुख्य विशेषताएँ, बुनियादी ढाँचा एवं भौतिक संसाधनों का महत्त्व ।

2. उत्तर प्रदेश का व्यापार, वाणिज्य एवं उद्योग ।

3. उत्तर प्रदेश सरकार की लोक कल्याणकारी योजनाएँ, परियोजनाएँ एवं नियोजित विकास, मानव संसाधन एवं कौशल विकास।

4. उत्तर प्रदेश में निवेश मुद्दे एवं प्रभाव ।

5. उत्तर प्रदेश की लोक वित्त एवं राजकोषीय नीति, कर एवं आर्थिक सुधार, एक जिला एक उत्पाद नीति।

6. उत्तर प्रदेश में नवीकरणीय ऊर्जा एवं गैर-नवीकरणीय ऊर्जा संसाधनों की योजना एवं प्रबंधन ।

7. उत्तर प्रदेश की जनांकिकी, जनसंख्या एवं जनगणना ।

8. उत्तर प्रदेश में कृषि का व्यावसायीकरण एवं कृषि फसलों का उत्पादन।

9. उत्तर प्रदेश की नवीन वानिकी नीति।

10. उत्तर प्रदेश की कृषि एवं सामाजिक वानिकी ।

11. उत्तर प्रदेश में कृषि विविधता, कृषि की समस्याएँ एवं उनका समाधान ।

12. उत्तर प्रदेश के विभिन्न क्षेत्रों में विकासीय सूचकांक ।

13. उत्तर प्रदेश का भूगोल: भौगोलिक स्थिति, उच्चावच एवं संरचना, जलवायु सिंचाई, खनिज, अपवाह प्रणाली एवं वनस्पति ।

14. उत्तर प्रदेश में राष्ट्रीय उद्यान एवं वन्यजीव अभयारण्य ।

15. उत्तर प्रदेश में परिवहन तंत्र ।

16. उत्तर प्रदेश में औद्योगिक विकास, शक्ति संसाधन एवं अधोसंरचना ।

17. उत्तर प्रदेश में प्रदूषण एवं पर्यावरण के मुद्दे, प्रदूषण नियंत्रण परिषद एवं इनके कार्य।

18. उत्तर प्रदेश के प्राकृतिक संसाधनः मृदा, जल, वायु, वन, घास मैदान, आद्रभूमि ।

19. उत्तर प्रदेश के जलवायु परिवर्तन एवं मौसम पूर्वानुमान से संबंधित मुद्दे ।

20. उत्तर प्रदेश के संदर्भ में अधिवास पारिस्थितिकी तंत्र-संरचना एवं कार्य, समायोजन, जीव-जंतु एवं वनस्पतियाँ।

21. उत्तर प्रदेश में विज्ञान एवं तकनीक के मुद्दे, प्रसार एवं प्रयत्न ।

22. उत्तर प्रदेश में मत्स्य, अंगूर, रेशम, फूल, बागवानी एवं पौध उत्पादन तथा उत्तर प्रदेश के विकास में इनका प्रभाव ।

23. उत्तर प्रदेश के विकास में सार्वजनिक एवं निजी साझेदारी को प्रोत्साहित करना।

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