वैष्णव धर्म हिंदू धर्म की एक प्रमुख शाखा है, जिसमें भगवान विष्णु या उनके अवतारों (जैसे राम, कृष्ण) की पूजा को केंद्रीय माना जाता है।
- वैष्णव धर्म के विषय में प्रारंभिक जानकारी उपनिषदों से मिलती है।
- वैष्णव धर्म का विकास भगवत धर्म से हुआ।
- नारायण के पूजक (वैष्णव धर्म की उपासक) मूलतः पंचरात्र कहे जाते थे।
- वैष्णव धर्म के प्रवर्तक कृष्ण थे, जो वृषण कबीले के थे और जिनका निवास स्थान मथुरा था।
- कृष्ण का उल्लेख सर्वप्रथम छांदोग्य उपनिषद् में देवकी-पुत्र और अंगिरस के शिष्य के रूप में हुआ है।
- वासुदेव कृष्ण का सबसे प्रारंभिक अभिलेखीय उल्लेख बेसनगर स्तम्भ अभिलेख में पाया गया है।
- वासुदेव कृष्ण जैन तीर्थंकर अरिष्ठनेमि के समकालीन थे।
- कृष्ण के भक्त इन्हें भगवत कहकर सम्बोधित करते थे। अतः उनके द्वारा स्थापित धर्म को भागवत धर्म कहा गया।
- विष्णु के दस अवतारों का उल्लेख मत्स्यपुराण में मिलता है। दस अवतार इस प्रकार हैं- (1) मत्स्य, (2) कूर्म, (3) वराह, (4) नृसिंह, (5) वामन, (6) परशुराम, (7) राम, (8) बलराम, (9) बुद्ध, (10) कल्कि ।
- गुप्तकाल में विष्णु का वराह अवतार सर्वाधिक प्रसिद्ध था। जिसका प्रथम उल्लेख ऋग्वेद में है।
- वैष्णव धर्म का सर्वाधिक विकास गुप्त काल में चन्द्रगुप्त द्वितीय के समय में हुआ। इनके दरवार में नौ विद्वान रहते थे। जिसे नवरत्न कहा जाता था।
- वैष्णव धर्म में ईश्वर को प्राप्त करने के लिए सर्वाधिक महत्व भक्ति को दिया गया है।
- वल्लभाचार्य, चैतन्य महाप्रभू, रामानन्द, कबीर दास, रामानुजाचार्य आदि वैष्णव धर्म के प्रसिद्ध भक्त थे।
- नोट : भगवान विष्णु के सुदर्शन चक्र में छः तिलियाँ हैं।
- इस धर्म को अवतारवाद भी कहते हैं। इसे मानने वाले पूर्णतः शाकाहारी होते थे।
- भारत में वैष्णव धर्म का केन्द्र तमिल था।
- यूनान के राजदूत मेगास्थनीज ने कृष्ण के लिए हेराक्लीज शब्द का प्रयोग किया था।
- स्कंदगुप्त के जूनागढ़ अभिलेख की शुरूआत भगवान विष्णु के स्तूति से होती है।
- देवगढ़ के दशावतार मंदिर का निर्माण गुप्त काल में भगवान विष्णु के सम्मान किया गया।
- कालांतर में कृष्ण को विष्णु का रूप महाभारत काल में माने जाने के कारण भागवत् धर्म वैष्णव धर्म में परिवर्तित हो गया।
- गुप्तकाल में वैष्णव धर्म का प्रचार-प्रसार जोरो पर था। यहाँ तक कि इण्डोनेशिया, मलाया, कम्बोडिया दक्षिण पूर्व एशिया और हिन्द-चीन जैसे विदेशी स्थलों पर भी इस धर्म का खूब प्रचार-प्रसार हुआ।
- वैष्णव धर्म का विकास दक्षिण भारत में बहुत तेजी से हुआ। दक्षिण भारत में इस धर्म को मानने वाले को अलवर कहा गया। दक्षिण भारत में बारह अरवल संतो को विवरण मिलता है। जिसमें एक महिला संत हैं।
प्रमुख सम्प्रदाय, मत एवं आचार्य
प्रमुख सम्प्रदाय | मत | आचार्य |
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वैष्णव सम्प्रदाय | विशिष्टाद्वैत | रामानुज |
ब्रह्म सम्प्रदाय | द्वैत | आनन्दतीर्थ |
रुद्र सम्प्रदाय | शुद्धाद्वैत | वल्लभाचार्य |
सनक सम्प्रदाय | द्वैताद्वैत | निम्बार्क |
प्रमुख सम्प्रदाय, संस्थापक एवं पुस्तक
प्रमुख सम्प्रदाय | संस्थापक | पुस्तक |
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श्रीवैष्णव | रामानुज | ब्रह्मसूत्र |
परमार्थ | रामदास | दासबोध |
रामभक्त | रामानन्द | अध्यात्म रामायण |
बरकरी | नामदेव | —– |
नोट : अंकोरवाट का मंदिर कंबोडिया (कंबोज) के राजा सूर्यवर्मा II (1113 ई.-1150 ई.) ने बनवाया था। इस मंदिर में लगभग 10.5 फीट ऊँची भगवान विष्णु की मूर्ति स्थापित है।
प्रमुख प्रश्नोत्तर
वैष्णव धर्म के चार मुख्य संप्रदाय और उनके संस्थापक कौन हैं?
उत्तर:
- श्री संप्रदाय – (रामानुजाचार्य)
- ब्रह्म संप्रदाय – (मध्वाचार्य)
- रुद्र संप्रदाय – (वल्लभाचार्य)
- सनक संप्रदाय – (निम्बार्काचार्य)
वैष्णव धर्म में ‘दशावतार’ क्या है?
उत्तर: भगवान विष्णु के 10 प्रमुख अवतार:
- मत्स्य
- कूर्म
- वराह
- नरसिंह
- वामन
- परशुराम
- राम
- कृष्ण
- बुद्ध (कुछ मतानुसार बलराम)
- कल्कि (भविष्य में आने वाला अवतार)
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