भारत के राष्ट्रीय प्रतीक

भारत के राष्ट्रीय प्रतीक सारनाथ स्थित अशोक के सिंह स्तम्भ के शीर्ष भाग की अनुकृति है । भारत सरकार ने इसे 26 जनवरी, 1950 ई. को अपनाया । प्रतीक के नीचे मुंडकोपनिषद् में लिखा सूत्र ‘सत्यमेव जयते’ देवनागरी लिपि में अंकित है। शासकीय कार्यों में प्रयोग में लाये जाने वाले राष्ट्रीय प्रतीक अलग-अलग रंग के होते हैं । नीला राष्ट्रीय प्रतीक भारत के मंत्रियों द्वारा, लाल राष्ट्रीय प्रतीक राज्य सभा के सदस्यों व अधिकारियों द्वारा, हरा राष्ट्रीय प्रतीक लोक सभा के सदस्यों द्वारा उपयोग में लाया जाता है।

नोट : भारत के राजचिन्ह का उपयोग भारत के राजकीय (अनुचित उपयोग निषेध) अधिनियम-2005 के तहत नियंत्रित होती है।

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  • भारत का राष्ट्रीय चिन्ह सारनाथ के अशोक स्तम्भ से लिया गया है।
  • मूल स्तम्भ में शीर्ष पर चार सिंह हैं, जो एक-दूसरे की ओर पीठ किए हुए हैं। सिंह साहस व निर्भीकता का प्रतीक हैं।
  • पट्टी के मध्य में धर्मचक्र है। चक्र में 24 तीलियाँ हैं, जो 24 घंटों का प्रतीक हैं।
  • भारत सरकार ने अशोक स्तंभ को राष्ट्रीय चिन्ह के रूप में 26 जनवरी, 1950 को अपनाया
  • फलक के नीचे मुण्डकोपनिषद् का सूत्रवाक्य सत्यमेव जयते देवनागरी लिपि में अंकित है, जिसका अर्थ है-सत्य की ही विजय होती है।

तीन पट्टियों वाला तिरंगा, गहरा केसरिया (ऊपर), सफेद (बीच) और गहरा हरा रंग (नीचे) है। सफेद पट्टी के बीच में नीले रंग का चक्र है, जिसमें 24 तीलियाँ हैं तथा इसे सारनाथ में अशोक के सिंह स्तम्भ पर बने चक्र से लिया गया है।

  • ध्वज की लम्बाई एवं चौड़ाई का अनुपात 3:2 है।
  • राष्ट्रीय ध्वज का केसरिया रंग जागृति, शौर्य व त्याग का, सफेद रंग सत्य एवं पवित्रता का एवं हरा रंग जीवन-समृद्धि का प्रतीक है।
  • भारत के राष्ट्रीय ध्वज को 22 जुलाई, 1947 को संविधान सभा (Constituent Assembly) द्वारा अंगीकृत किया गया।
  • इसकी लंबाई व चौड़ाई का अनुपात 3:2 होता है। इसमें ऊपर से नीचे क्रमशः केसरिया, सफेद व हरे रंगों की तीन पट्टियाँ होती हैं। सफेद पट्टी के बीच में 24 तीलियों वाला नीला चक्र होता है।
  • राष्ट्रीय ध्वज को संविधान सभा में हंसा मेहता ने प्रस्तुत किया।
  • भारतीय ध्वज संहिता 2002 के अनुसार सभी भारतीय नागरिकों एवं निजी संस्थाओं आदि को भी राष्ट्रीय ध्वज प्रदर्शन का अधिकार है।
  • जनवरी, 2004 ई. को एक महत्वपूर्ण विनिर्णय में उच्चतम न्यायालय (मुख्य न्यायाधीश बी. एन. खरे की अध्यक्षता में) ने यह घोषणा की कि संविधान के अनुच्छेद-19 (1) (अ) के अधीन राष्ट्रीय ध्वज फहराना नागरिकों का मूल अधिकार है।
  • राष्ट्रीय ध्वज को राष्ट्रीय शोक के समय झुका दिया जाता है। राष्ट्रपति, प्रधानमंत्री, उपराष्ट्रपति के निधन हो जाने पर सम्पूर्ण देश में राष्ट्रीय ध्वज को 12 दिनों तक झुका दिया जाता है। पूर्व राष्ट्रपति, पूर्व प्रधानमंत्री एवं पूर्व उपराष्ट्रपति के निधन हो जाने पर 7 दिनों के लिए राष्ट्रीय ध्वज को झुका दिया जाता है।
  • प्रसिद्ध झंडा गीत ‘झंडा ऊँचा रहे हमारा’ की रचना श्यामलाल प्रसाद गुप्त ने की है।
  • नोट : भारत के राष्ट्रीय ध्वज का पहली बार प्रदर्शन 14 अगस्त, 1947 ई. की मध्य रात्रि में हुआ।
  • रवीन्द्रनाथ टैगोर द्वारा मूलत: बांग्ला भाषा में रचित और संगीतबद्ध जन-गण-मन के हिन्दी संस्करण को संविधान सभा ने भारत के राष्ट्रगान के रूप में 24 जनवरी, 1950 को अपनाया।
  • यह सर्वप्रथम, 27 दिसम्बर 1911 को भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस के 26वें अधिवेशन {अध्यक्ष-पं. विशन नारायण दत्त} (कलकत्ता) में गाया गया था।
  • इसे रवीन्द्रनाथ ठाकुर ने 1912 ई. में ‘तत्त्व बोधिनी’ में ‘भारत भाग्य विधाता’ शीर्षक से प्रकाशित किया था तथा 1919 ई. में ‘Morning Song of India’ के नाम से अंग्रेजी अनुवाद किया।
  • राष्ट्रगान के वर्तमान संगीतमय धुन को बनाने का श्रेय कैप्टन राम सिंह ठाकुर (INA के सिपाही) को जाता है।
  • राष्ट्रगान के गायन की अवधि लगभग 52 सेकेण्ड है।

बंकिमचन्द्र चटर्जी के उपन्यास ‘आनन्दमठ’ में उन्हीं के द्वारा रचित ‘वन्दे मातरम्’ को राष्ट्र गीत के रूप में 26 जनवरी, 1950 ई. को स्वीकार किया गया।

  • राष्ट्रगीत वन्दे मातरम् की रचना बंकिमचन्द्र चटर्जी ने संस्कृत में की थी, जो स्वतन्त्रता संग्राम में जन-जन का प्रेरणा स्त्रोत था। इसे जन-गण-मन के समान दर्जा प्राप्त है।
  • ‘इसे सर्वप्रथम 1896 ई. में भारतीय राष्ट्रीय काँग्रेस के अधिवेशन (अध्यक्ष-रहीमतुल्ला सयानी) में गाया गया था।
  • इस गीत को गाने का समय 1 मिनट और पाँच सेकण्ड है।
  • किसी भी व्यक्ति को राष्ट्र-गीत गाने के लिए बाध्य नहीं किया जा सकता है।
  • इसे पहली बार सन् 1896 में भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस के 12वें अधिवेशन (कलकत्ता) में गाया गया था।
  • नोट : भारतीय संसद के अधिवेशन का प्रारंभ ‘जन गण मन’ से और समापन ‘वंदे मातरम्’ के गायन से होता है।

ग्रिगेरियन कैलेण्डर के साथ-साथ देश भर के लिए शक-संवत् पर आधारित एकरूप राष्ट्रीय पंचांग भी है, जिसका पहला महीना चैत्र है और सामान्य वर्ष 365 दिन का होता है।

  • बाघ (Panthera ) भारत का राष्ट्रीय पशु है। जिसे अपनी शालीनता, दृढ़ता, फुर्ती और अपार शक्ति के लिए राष्ट्रीय पशु कहलाने का गौरव हासिल है।
  • भारतीय मयूर (Pavo cristatus) भारत का राष्ट्रीय पक्षी है।
  • हंस के आकार के इस रंग बिरंगे पक्षी की गर्दन लंबी, आंख के नीचे सफेद निशान और सिर पर पंखे के आकार की एक कलगी होती है।
  • कमल (Nelumbo Nucifera Gaertn) भारत का राष्ट्रीय पुष्प है।
  • यह एक पवित्र पुष्प है तथा भारतीय कला और पौराणिक साहित्य में इसका महत्वपूर्ण स्थान है।
  • हरियाणा, जम्मू-कश्मीर व कर्नाटक का भी राजकीय पुष्प कमल है।
  • बरगद (Ficus Benghalensis) वृक्ष को भारत के राष्ट्रीय वृक्ष के रूप में अपनाया गया है, जिसकी शाखाएँ बड़े क्षेत्र में जड़ों की तरह प्रतिरोपित हो जाती हैं।
  • वे जड़ें पुनः नई टहनियों एवं डालियों को जन्म देती हैं। अपनी इस विशिष्टता के कारण इसे अमर माना जाता है।
  • आम (Mangifera indica) उष्णकटिबंधीय देशों का सर्वाधिक महत्वपूर्ण फल है तथा इसकी खेती व्यापक पैमाने पर की जाती है।
  • 4 नवम्बर, 2008 को गंगा को राष्ट्रीय नदी घोषित किया गया।
  • गंगा नदी भारत की सबसे लंबी नदी है, जो पहाड़ों, घाटियों एवं मैदान पर 2,525 किमी. की दूरी तय करती है।
  • इसका उद्भव हिमालय में गंगोत्री हिमनद से होता है, जहाँ इसे भागीरथी के नाम से जाना जाता है।
  • गंगा का समतल मैदान विश्व के सबसे उपजाऊ मैदानों में से एक है, जिसका विस्तार लगभग 1,00,000 वर्ग किमी. क्षेत्र में है।

विलुप्तप्राय जीव गंगा डॉल्फिन (सूंस) को 5 अक्टूबर, 2009 को राष्ट्रीय जलीय जीव घोषित किया गया है। यह भारत में गहन संकटग्रस्त प्रजातियों के तहत वन्यजीव संरक्षण अधिनियम, 1972 की अनुसूची-1 में शामिल है। प्रतिवर्ष 5 अक्टूबर को डॉल्फिन दिवस मनाया जाता है।

भारत सरकार ने एशियाई हाथी को राष्ट्रीय विरासत पशु के रूप में अक्टूबर 2010 में घोषित किया है। राष्ट्रीय वन्य जीव बोर्ड की स्थायी समिति ने इस संदर्भ में 13 अक्टूबर, 2010 की बैठक में स्वीकृति प्रदान की थी। हाथी केरल, कर्नाटक, झारखंड व ओडिशा राज्य का भी राजकीय चिन्ह है।

हॉकी के जादूगर ध्यानचंद के जन्म दिवस 29 अगस्त को ‘राष्ट्रीय खेल दिवस’ के रूप में मनाया जाता है। सन् 1925 में ग्वालियर में भारतीय हॉकी फेडरेशन बनाया तथा 1928 में भारत अंतर्राष्ट्रीय हॉकी फेडरेशन का पहला गैर-यूरोपीय सदस्य था।

भारतीय रुपए को 15 जुलाई, 2010 को डॉलर, यूरो, पॉण्ड और येन की तरह नया प्रतीक (र) मिल गया है। रुपए का यह नया प्रतीक देवनागरी लिपि के ‘र’ और रोमन लिपि के ‘R’ को मिलाकर बनाया गया है।

राष्ट्रीय प्रतीक PDF Notes

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